यात्री-नागार्जुन केर 113म जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान अर्पित कयलक भाव भरल श्रद्धांजलि

NagarjunJayanti

यात्री-नागार्जुन केर 113म जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान अर्पित कयलक भाव भरल श्रद्धांजलि
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– मौका पर डाॅ बैजू जनकवि केर रूपमे विश्वविख्यात बाबा नागार्जुन कें पद्म पुरस्कार सँ अद्यतन वंचित राखल जयबा पर निराशा जतबैत हुनका भारत रत्न सँ सम्मानित कयल जयबाक डिमांड रखलनि।

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– कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय आधुनिकताक वर्तमान दौरमे पुरान दिग्गज साहित्यकार कें विस्मृत कयल जयबा पर चिंता जतोलनि।

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लोक शक्ति केर उपासक बाबा यात्री-नागार्जुन मूलतः विपक्षक जननायक कवि छलाह। जे वर्चस्ववादी सत्ता केर विरुद्ध प्रतिरोधक संस्कृति कें आजीवन समृद्ध करैत रहलाह। हुनक खासियत रहनि जे जनहित केर विरुद्ध काज केनिहार कें ओ कहियो कखनो नहि बकसला। चाहे ओ सत्ता पक्षक होथि, विपक्षक होथि आकि हुनकर अपन तथाकथित वाम पक्षे किएक नहि हो। ई बाते कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय मंगलदिन जनकवि बाबा यात्री-नागार्जुन केर 113म जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थानक तत्वावधानमे आयोजित कार्यक्रममे श्रद्धा सुमन अर्पित करैत कहलनि।
अपन संबोधनमे ओ आधुनिकता केर वर्तमान दौरमे पुरान दिग्गज साहित्यकार लोकनि कें विस्मृत कयल जयबा पर चिंता जाहिर करैत कहलनि जे बाबा नागार्जुन समतामूलक समाज निर्माण केर प्रबल समर्थक छलाह। विडंबना अछि जे हुनका बाद कियो एहि दिशामे आवाज बुलंद करबाक जहमत नहि उठोलनि।
एहि सँ पहिले संस्थानक महासचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी बैजू केर संग कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पांडेय, केन्द्रीय पुस्तकालय केर निदेशक सह पीजी मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ दमन कुमार झा, पूर्व मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय केर पूर्व निदेशक डॉ अशोक कुमार मेहता, संस्थानक मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, पंचोभ पंचायत केर मुखिया राजीव कुमार झा, कवि शंभु नाथ मिश्र, अमरनाथ चौधरी, डॉ उदय कांत मिश्र, प्रह्लाद चंद्र कुमर, प्रो राज किशोर झा, शिवशंकर झा, मिथिलेश मिश्र आदि विश्वविद्यालय केर केंद्रीय पुस्तकालय परिसरमे स्थापित बाबा यात्री-नागार्जुन केर प्रतिमा पर फूल-माला अर्पित कऽ हुनका भाव भरल श्रद्धांजलि अर्पित केलनि।
कार्यक्रममे विचार रखैत मैथिलीक वरिष्ठ कवि सह दूरस्थ शिक्षा निदेशालय केर पूर्व निदेशक डॉ अशोक कुमार मेहता कहलनि जे यात्री-नागार्जुन वास्तवमे जन मानस केर व्यापक राजनीतिक आकांक्षा सँ जुड़ल विलक्षण कवि छलाह। जिनका विभिन्न भाषा पर गजब केर एकाधिकार छल। हुनक रचनामे देसी बोली केर ठेठ शब्द सँ लऽ कऽ संस्कृतनिष्ठ शास्त्रीय पदावली धरि केर हुनक भाषाक अनेक स्तर छल। ईएह कारण रहल जे मैथिली केर अतिरिक्त हिन्दी, बंगला आ संस्कृतमे आम जन केर आकांक्षाक पात्र केँ केन्द्र मे राखिकऽ ओ बहुत किछु अलग सँ लिखलनि।
विद्यापति सेवा संस्थानक महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू कहलनि जे यात्री-नागार्जुन आमजन केर मुक्ति संघर्षमे नहि केवल रचनात्मक हिस्सेदारी देलनि, अपितु स्वयं सेहो जन संघर्ष मे आजीवन सक्रिय रहैत प्रगतिशील धारा केर कवि एवं कथाकार केर रूपमे ख्यात भेलनि। ओ अपना संबोधनमे जनकवि केर रूपमे विश्वविख्यात बाबा नागार्जुन कें पद्म पुरस्कार सँ अद्यतन वंचित राखल जयबा पर निराशा जतबैत जननायक कर्पूरी ठाकुर जेकाँ जनकवि बाबा यात्री-नागार्जुन कें सेहो भारत रत्न सँ सम्मानित कयल जयबाक डिमांड रखलनि।
पीजी मैथिली विभागाध्यक्ष डाॅ दमन कुमार झा अपन संबोधनमे हुनका सामाजिक सरोकार कें प्राथमिकता दैत सदैव सत्ता केर आँखिमे आंँखि मिला शब्द-वाण सँ घायल केनिहार जनकवि केर रूपमे उल्लेखित कयलनि। ओतहि प्रो रमेश झा कहलनि जे बाबा यात्री-नागार्जुन सही मायनेमे जनकवि छलाह। जे नहि केवल तीखगर तेवर बला कविता लिखलनि अपितु स्वयं आन्दोलनमे सक्रिय रूप सँ भाग लऽ कऽ अभूतपूर्व जन जागरण केर मिसाल कायम कयलनि। पंचोभ पंचायत केर मुखिया राजीव कुमार झा कहलनि जे बाबा केर आलोचना करबाक अपन अलग निराला अंदाज छलनि। कवि शंभु नाथ मिश्र कहलनि जे बाबा यात्री सही अर्थमे भारतीयता केर माटि सँ बनल एकटा एहन आधुनिकतम कवि छलाह, जे मातृभाषा मैथिली केर माटी सँ निकलि हिंदी साहित्यक अभूतपूर्व श्रीवृद्धि कयलनि।
श्रद्धांजलि सभाक संचालन करैत संस्थानक मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा कहलनि जे बाबा यात्री-नागार्जुन नहि केवल कबीर जेकाँ अक्खड़, फक्कड़ आ बेबाक छलाह, अपितु ओ जीवन केर अंतिम पड़ाव धरि व्यवस्थाक विरुद्ध लड़ैत रहलाह। एहि अवसर पर डाॅ उदय कांत मिश्र, अमरनाथ चौधरी, हरिकिशोर चौधरी, आशीष चौधरी, मणिभूषण राजू, पुरूषोत्तम वत्स आदि सहित पीजी मैथिली विभागक शोधार्थी लोकनिक उल्लेखनीय उपस्थिति रहलनि।

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