मिथिला पेंटिंग के महान प्रशिक्षक आ गुरू श्री कृष्ण कुमार कश्यप जी के अश्रुपूर्ण श्रद्धाँजलि :: मणिभूषण ‘राजू’

श्रद्धाँजलि :: श्री कृष्ण कुमार कश्यप

मिथिला पेंटिंग के हजारों कलाकार भेलथि जे एहि लोककला के देश-विदेश तक पहुँचेलन्हि, मुदा एहि कला के मधुबनी पेंटिंग सँ मिथिला पेंटिंग तक लाबय मे.. मधुबनी सँ एहि कला के सम्पूर्ण मिथिला तक के पहचान बनाबय में…..
मिथिला पेंटिंग के दीवार सँ कागज आ कागज सँ पर आ आन वृहत आयाम देबय में…….
मिथिला पेंटिंग के प्रोफेशनल तरीका सँ शिक्षा में आनय के प्रारूप बनाकय सैकड़ों कलाकारक सेना तैयार करबाक श्रेय एकमात्र मैथिलपुत्र के छनि ओ छलथि श्री कृष्ण कुमार कश्यप।

मिथिला पेंटिंग के लोककला सँ आगा बढ़बैत आधुनिकता जोड़ैत एकरा रोजगार आ व्यवसाय सँ जोड़बाक परिकल्पना तैयार कयनाई प्रथम बेर कश्यपजी प्रारंभ कयलन्हि आ मिथिला पेंटिंग सिखबाक लेल अनेकों पुस्तक तैयार कयलन्हि।

ओना त हमर सबके बहुत बेसी परिचय नै छल, मुदा मैथिल मंच द्वारा आयोजित मिथिला चात्रकला प्रतियोगिता-2019 में जज के रूप में हुनक आशीर्वाद लेबाक सौभाग्य भेटल छल।

सैकड़ो कलाकारक कला में सँ सबसँ नीक आ सबसँ यथोचित कलाकारक चुनाव के हुनक तरीक अप्रत्याशित आ अतुलनीय रहल।
मात्र दू दिनक भेंट सँ हमरा सबके मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में काज करबाक लेल अनंत रास्ता देखाओल गुरूजी।
समस्त मैथिल मंच परिवार के तरफसँ अश्रुपूरित श्रद्धाँजलि अर्पित करैत हमसब हिनक सपना के साकार करबाक प्रण लैत छी।

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