
उपलब्धि सँ भरल रहल मैथिली साहित्य महासभाक दसम वार्षिकोत्सव
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‘मैसाम सम्मान-2025’ सँ सम्मानित भेलाह लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार डा वीरेन्द्र मल्लिक
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ओ मैथिली साहित्य महासभा केर स्थापनाक दसम वार्षिकोत्सवमे अनेक लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार, कलाकार ओ पत्रकार लोकनिक शुक्रदिन भेल भारी जुटान मैसाम लेल गुमानक विषय बनल। भव्य कवि गोष्ठी, ‘आचार्य रामलोचन शरण: व्यक्तित्व ओ कृतित्व’ विषय पर ज्ञानवर्धक संगोष्ठी आ सांस्कृतिक संध्यामे विभाजित विभिन्न सत्र अत्यंत जीवंत रहल आ आयोजनक उद्देश्यपूर्ण सफलता कें अर्जित कयलक।
मैसामक गौरवपूर्ण दसम वार्षिकोत्सव केर उद्घाटन सत्रमे सुदीर्घ साहित्य साधना हेतु पहिल मैसाम सम्मान 2025 साहित्यकार डा. वीरेंद्र मल्लिक जी कें प्रदान करैत मैसाम अपन उपलब्धिमे स्वर्णिम अध्याय गढ़लक। सम्मान ग्रहण करैत काल वयोवृद्ध साहित्यकार डा. वीरेंद्र मल्लिक जीक मुखमंडल पर छिटकैत विभिन्न भाव तरंग उपस्थित समस्त मातृभाषा मैथिली अनुरागी केर मनमे अभूतपूर्व उमंगक संचार कयलक।
कवि मणिकांत झाक अध्यक्षतामे आयोजित भव्य कवि गोष्ठी केर संचालनक महत्वपूर्ण जवाबदेही मैसाम महासचिव सोनी चौधरी बखूबी निमाहलनि। गोष्ठीमे उपस्थित कवि आ कवयित्री लोकनि अपन रचना पाठ करैत अनेक भाव सरिताक प्रवाह करैत वसंतक फुहार सँ सेहो वातावरण कें खूब गमकौलनि। कवि गोष्ठीमे विशिष्ट पाहुन आनन्द झा संग आभा झा, जयंती झा, आशुतोष मिश्र ‘अजल’, भवेश झा, सुजीत कुमार, नीरज झा, अर्चना झा, विमलेन्दु सागर, सांत्वना मिश्र, अवनीश अभिनव, अखिलेश मिश्र, राज किशोर मिश्र, भावना मिश्र, आनंद दास, हेमन्त झा, कविता पाठक, सुधा ठाकुर, प्रभा झा आदिक सारस्वत उपस्थिति अत्यंत आह्लादकारी छल।
साहित्य अकादमी पुरस्कार सँ सम्मानित लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार गंगेश गुंजनजीक अध्यक्षतामे आयोजित संगोष्ठी सत्रमे अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध साहित्यकार बुद्धिनाथ मिश्र आ मुकेश दत्तक गरिमामयी उपस्थिति सँ मैसामक साहित्यिक मंच अत्यंत शोभायमान छल। एहि सत्रक सांस्थानिक प्रतिनिधि वक्ताक रूपमे अरुण कुमार मिश्र अपन जवाबदेही बखूबी निमाहलनि।
‘आचार्य रामलोचन शरणः व्यक्तित्व ओ कृतित्व’ विषय पर संजीव सिन्हाक संचालनमे आयोजित संगोष्ठीमे विभिन्न यशस्वी वक्ता लोकनि मिथिलाक वरद् पुत्र आचार्य रामलोचन शरण जी द्वारा स्थापित कीर्तिमानक अनमोल बखान कयलनि। ओ लोकनि जनतब देलनि जे मैथिलीक साहित्याकाशमे अपन कृतित्व सँ गौरवशाली कीर्ति पताखा लहरा मिथिलाक इतिहासमे अपन नाम स्वर्णाक्षरमे दर्ज कयनिहार साहित्यकार, व्याकरणविद् ओ प्रकाशक आचार्य रामलोचन शरण अत्यंत विनम्र स्वभावक सरल व्यक्ति छलाह। हिनकर व्यक्तित्व ओ कृतित्व केर बखान करैत साहित्यकार लोकनिक भाव चरमोत्कर्ष पर छल। ओ लोकनि जनतब देलनि जे स्वतंत्रता प्राप्ति सँ पूर्व साल 1915 मे आचार्य रामलोचन शरण लहेरियासरायमे पुस्तक भंडारक स्थापना क’ प्रकाशन क्षेत्रमे एकटा क्रांति सन आनि देने छलाह। हिनक बाल मनोहर पोथी खूब लोकप्रिय भेल छल, जकरा पढ़ि कें बिहार सहित पूर्वांचलक एकटा पैघ भूभाग हिन्दी लिखब आ बाजब सीखलक। हिन्दीक मूर्धन्य विद्वान आचार्य शिवपूजन सहाय हिनका ‘बिहारक द्विवेदी’ कहैत छलाह। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पुस्तक प्रकाशन ओ साहित्य सृजन केर क्षेत्रमे हिनक अवदान केर प्रशंसा करैत नहि अघाइत छलाह। अपन कृतित्व ओ व्यक्तित्व सँ ई पं जवाहरलाल नेहरूक सेहो जीवन पर्यंत प्रियपात्र बनल रहलाह। हरिमोहन झा आ रामधारी सिंह दिनकर सहित कतेको साहित्यकार हिनक छात्रछायामे अपन साहित्यिक गतिविधि कें वैश्विक स्तर धरि पसारबामे सफलता अर्जित कयलनि। एहि सत्रमे मैसामक अर्द्धर्वार्षिकी अपूर्वा संग श्रीमती कविता पाठक आ श्री आनन्द दास जीक पोथीक लोकार्पण मैसामक एहि सारस्वत ओरियान कें बल प्रदान कयलक।
हेमंत झाक कुशल संचालनमे आयोजित भव्य सांस्कृतिक संध्यामे मैथिली मंचक स्थापित गायक अवनीन्द्र ठाकुर आ देवानन्द झा संग स्वनामधन्य गायिका सोनी चौधरीक प्रस्तुति अत्यंत मनोहारी छल। सात सुर सँ सजल एहि सांस्कृतिक संध्यामे लागल जेना एक सँ एक पारम्परिक गीतक पथार सभागार कें आदि सँ अंत धरि आनन्दित कयने रहल। एहि अवसर पर उमेश मिश्र (चेतना समिति, पटना), विजय चंद्र झा (अखिल भारतीय मिथिला संघ), मैथिली भोजपुरी अकादेमी, दिल्लीक पूर्व अध्यक्ष नीरज पाठक, मैथिली मंचक सुविख्यात गीतकार सुधीर कुमार झा, कृष्णनंद झा, शरद झा, विनीत झा, मुकेश झा आदिक उल्लेखनीय उपस्थिति रहल।सभागारमे खचाखच भरल सभ गणमान्य साहित्यकार, कलाकर, पत्रकार, मैसाम परिवार आ समस्त मातृभाषा अनुरागी लोकनिक प्रति मैसाम अध्यक्ष राहुल झा धन्यवाद ज्ञापित कयलनि।
Is pratiyogita mein Main bhi bhag Lena chahta hun main Akhilesh sakta hun kya
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