समस्त मिथिला के कण-कण में एकहि संस्कृति समन्वित अछि। एहिक उदाहरणस्वरूप परिचय करा रहल छी कटिहार के बेटी आ रोसड़ा, समस्तीपुर के पुतोहु श्रीमती आमना परवीन सँ जे बिना कोनो प्रशिक्षण के, केवल पारंपरिक व्यवस्था सँ मिथिला पेंटिंग सिखलथि आ आई एहि कला के जादूगर छथि।
कटिहार के श्री मुर्तजा अंसारी आ श्रीमती शाजदा खातून के पुत्री अमीना बीएससी(ज्यूलाजी आनर्स) कयने छथि आ वर्तमान में B. Ed. कय रहल छथि।
मिथिला पेंटिंग के संग-संग कलमकारी, पेट्टा आ मंडला चित्रकला के नीक कलाकार छथि आमना प्रवीण।
एहि कला सँ पारंपरिक रूप सँ आगा बढ़ि सिद्धस्थ कलाकार के रूप में जगह बनाबय के श्रेय अमीना अपन पति श्री फिरोज आलम अंसारी जी के दै छथिन्ह जे सतत संग दय छथिन्ह जहिसँ हिनक कला के निर्विकार स्वरूप निखरि रहल छनि।
राधा-कृष्ण, सीता-राम, गौतम बुद्ध सँ लय कय पारंपरिक मिथिला के समेटने अमीना के कला अद्वितीय अछि।
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