हालहि में मोदी-2 के एक साल पुरबाक खुशी में मोदीजी अर्थात भारतीय जनता पार्टी ताबड़तोर वर्चुअल रैली कय क अपन सब कार्यकर्ता के घर-घर जाकय सरकार के उपलब्धि सबके जानकारी देबाक फरमान जारी कयलथि।
बहुत लोक एकरा चुनाव आ चुनावी राजनीति सँ जोड़य छथि जे कि मात्र 49 प्रतिशत तक सही भय सकैत अछि। 51 प्रतिशत एहि आयोजन वा कैंपेन वा विरोधीक भाषा में स्टंटक अलगे परिणाम देखल जा रहल अछि।
एकटा साँसद अपन एक-एक कार्यकर्ता के निजी रूप सँ फोन कय हालचाल पुछि रहल छथि। एकटा जिलाध्यक्ष अपन मंडल स्तर के कार्यकर्तालोकनि सँ प्रतिदिन बात कय हालचाल लय रहल छथि। एकटा गामक सदस्य जिनका लग मात्र एकटा वा दू टा बूथक दायित्व अछि ओ अपन बूथक हर घर में जाकय जन-जन के हालचाल पुछि रहल छथिन्ह आ एकटा पर्ची दय रहल छथिन्ह।
ओहि पर्चीक महत्व नगण्य भय जाईत अछि जखन एहि महामारी में कियो अहाँक दरवाजा पर अहाँक हालचाल पुछय अबैत अछि। घर-घर जाय काल में कार्यकर्ता ई नहि देखय छथिन्ह कि ओ हमर पार्टीक वोटर अछि वा नै, बूथ के हर घर में ओ जाईत अछि।
राजनीति में भलेही हमसब वा कियो एकरा चुनावी स्टंट कहय मुदा जहन हम स्वयं एकटा आम नागरिक के रूप में सोचय छी त एहिलाकडाउन सन समय में 130 करोड़ लोक तक पहुँचय के ई एकटा चमत्कारिक उपाय अछि। बहुत हद तक संभव अछि कि जतय चुनाव अछि वा होबयवला अछि ओतय बेसी सँ बेसी भेंटघाँट होईत अछि आ जतय चुनाव नहि अछि ओतय कम, मुदा भारतीय जनता पार्टी वा NDA के कार्यकर्ता काज सब जगह कय रहल छथि।
एकटा कार्यकर्ता के नाते हम किछु सवाल पूछय चाहब हर पार्टी के कार्यकर्ता लोकनि सँ । याद रहय ई सवाल हर पार्टी वा संगठनक कार्यकर्ता लोकनि लेल छनि :-
1. की अहाँ अपन मोहल्ला या गामक कोनो लोक के संकट में देखबै त की मुँह घुमाकय निकलि लेबै वा फोटो खिंचाकय निकलि लेबै?
2. की अहाँके पता चलत की अहाँक साथी कार्यकर्ता बीमार अछि त अहाँ ओकर फोन उठेनाई बंद क देबै वा ओकरा सँ सामना-सामनी होयत त मुँह फेर लेबै?
3. की अहाँक सम्पर्क विरोधी पार्टीक कार्यकर्ता सँ होयत त की अहाँ मुँह घुमा लेबै आ विशेषकर तखन, जखन ओ समस्या में होई?
4. की अहाँ अपना संग काज करयवला अपन कनिष्ठ कार्यकर्ता लोकनि के भेंट भेला पर कहल गेल समस्या सँ मुँह मोड़ि लेबै?
5. की अगर अहाँ अपन क्षेत्र के सब कार्यकर्ता लोकनि एकठाम जुटबै त एहन कोनो प्राथमिक समस्या भय सकैत अछि की, जेकर समाधान अहाँसब नै कय सकबै?
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एकटा कार्यकर्ता रूपे जँ ई सोचय छी त सबके जवाब “नै” में भेटैत अछि। ई एहन “नै” अछि जे शत प्रतिशत लोक तक पहुँचकय अगर पूछलजाय त लोक के जवाब यैह होयत।
बाकी दोसर पार्टी के कार्यकर्ता आ सांगठनिक ईकाई सँ तुलना करबै त आन सबके काज नगण्य बुझाईत अछि।
निजी रूप सँ हम एकरा पर्ची बाँटों अभियान के कोरोना के एहि विकराल समय में सबसँ कारगर अभियान बुझय छी जहिमें एक सौ तीस करोड़ जनता सँ सीधा संवाद भय रहल अछि आ नि:स्वार्थ समाजसेवा के प्रथम आधार अछि सतत संवाद।
अगर अहाँ अपन मित्र वा शत्रु दूनू सँ संवाद में रहब त समस्याग्रस्त शत्रु के लेल तत्काल मित्र बनि सहयोग करबै यदि अहाँ नि:स्वार्थ भावना सँ सेवा करय छी त। नेता बनलाक बाद भलेही स्थिति बदलि जाए मुदा एकटा कार्यकर्ता चाहे ओ कोनहु पार्टी वा संगठन के होईथ ओ नि:स्वार्थ भावना आ सेवाभाव सँ काज करय छथि।
कोनो संगठन लेल आपातकालीन समय में अपन सदस्य आ कार्यकर्ता लोकनि के हालचाल लय हुनक सुरक्षाक आश्वस्तता सर्वप्रमुख काज होईत अछि आ ई सद्य: देखाई दय रहल अछि कि एखनुक ई सरकार देश के 130 करोड़ जनता के एक संगठन मानि लोकक सुरक्षा हेतु सतत संवाद लेल प्रयासरत अछि। ई लिखैत काल पता ने कियैक संघ के प्रार्थना स्वत: मन में आबि रहल अछि।