Dr. P. K. Bhattacharya :: डा. पी. के. भट्टाचार्य


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आई एकटा एहन व्यक्तित्व सँ परिचय करा रहल छी जे अपन सम्पूर्ण जीवन “मिथिला” क्षेत्र के सेवा में समर्पित कयलनि । नाम छनि आदरणीय डा. पी. के. भट्टाचार्य (Dr. P. K. Bhattacharya) ….ई नाम मिथिला क्षेत्र में विशेषकर दरभंगा सँ पूर्णियाँ तक पछिला पचास साल सँ चर्चित रहल अछि । जखन मिथिला क्षेत्र बाढ़ि के बाद महामारी सँ ग्रसित भय अपन दुर्दशा आ सरकारक अनदेखी सँ कनैत रहय छल त साक्षात भगवान के रुप में डाक्टर साहब दरभंगा एलाह आ सतत पचास वर्ष सँ हम “मैथिल” सबके चाहे ओ भारत हुए वा नेपालक तराई , गाँमक गाम के महामारी, मलेरिया, कालाजार सन बीमारी सँ बचाबैत रहलाह ।
डा. पी. के. भट्टाचार्य के जन्म 29 जनवरी 1943 ई. के मिथिला के हृदय पूर्णियाँ में एकटा सम्पन्न परिवार में भेलनि । हिनक पिताजी स्व. श्री प्रसाद कुमार भट्टाचार्य न्यायिक सेवा में उच्च पद पर रहथि बिहार में, आ स्वतंत्रता आँदोलन में सक्रिय रूप सँ आगा रहथि । हिनक माताश्री स्व. जयन्ती भट्टाचार्य सेहो स्वाधीनता आँदोलन में प्रमुख रुप सँ सक्रिय छलथि ।
डाक्टर साहेब के दादाजी स्व. श्री प्रबोध चन्द्र भट्टाचार्य “अंग्रेजों भारत छोड़ो, आँदोलन” में नेतृत्वकर्ता रहल छथि आ पूर्णियाँ में महात्मा गाँधीजीक यात्रा में सब व्यवस्था जिम्मेदारी रखने छलथि ।
डा. भट्टाचार्य जी अपन विद्यालय के पढ़ाई पूर्णियाँ आ कालेज के पढ़ाई आरा, बिहार सँ कयलनि आ 1965ई. में दरभंगा मेडिकल कालेज आ हास्पीटल सँ एम.बी.बी.एस. कयलनि आ 1968 ई. में एम.डी. (Internal Medicine) सँ कयलनि ।
ओहि के बाद बाढ़ि, सूखा, महामारी सँ जूझैत “मिथिला” में हजारों मेडिकल कैम्प कय अपन एखनतक के सम्पूर्ण जीवन हमसब मैथिल के सेवा में लगेने छथि ।
केवल मिथिला क्षेत्र नहि अपितु बिहार आ नजदीकी नेपालक तराई के ग्रामीण इलाका में “विश्व स्वास्थ्य संगठन” के सहयोग सँ कालाजार के दवाई Miltefosine के सहयोग सँ कालाजारमुक्त कयलनि मिथिला के । कालाजार के रोकथाम में हिनक सहयोग आ काजक उपलब्धि विश्व में प्रख्यात अछि ।
सन 1970 ई. में बिहार राज्य के स्वास्थ्य विभाग में सिविल असिसटेंट सर्जन के रुप में ज्वाइन कयलाक बाद विभान्न पद के सुशोभित करैत 2001 ई. में प्रोफेसर आफ मेडिसीन सँ सेवानिवृत्त भेलाह।
सन 2001 ई. में रिटायरमेंट के पश्चात मिथिला में अपन सेवा दैत देश के विभिन्न मेडिकल कालेज सब में अतिथि प्रोफेसर के रुप में सेवा दय रहल छथि आ देश में नव सेवाकर्ता तैयार कय रहल छथि ।
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हिनक सेवाभावना आ उपलब्धि पर विस्तृत विवरण बहुत जल्द अध्ययन कय आहां सबलेल लय क आयब ।
“मैथिल मंच” के तरफ सँ हमसब एहन पुनीत मैथिल के सतत नमन करय छी। नि:संदेह मिथिला क्षेत्र में जखन एकटा समर्पित मैथिलक चर्चा होयत त डा. भट्टाचार्य जी के योगदान के प्रमुखता सँ आयत।
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